नाज़ुक नाज़ुक है रिश्ते कि डोरी
करके अपनी ही ख़ुशियों को छोड़े
भर दूँ तेरे छोटे से दामन को
हो हो हो
करती मजबूर इतना है दूरी
ये भी इच्छा है आधी-अधूरी
लगके सीने से घुँघरू सी छनको
हो हो हो
आरारो आरारो आरी रा रो
आरारो आरारो आरी रा रो
आरारो आरारो आरी रा रो
आरारो आरारो आरी रा रो
तेरे मेरे रिश्ते को अब
और ख़ामोश नहीं रहना
मैं भी तुमसे सब कह दूँगा
तू भी मुझे सब कहना
एक कहानी मेरे हिस्से
एक कहानी तेरे हिस्से
मुझको जानेगी तू जिससे
आरारो आरारो आरी रा रो
आरारो आरारो आरी रा रो
आरारो आरारो आरी रा रो
आरारो आरारो आरी रा रो
कितने सालों से होठों पे लोरी
गाए बिन है जो कोरी कि कोरी
हर पल मेरी सासों में है बहती
हो
कैसे बिन तेरे मैंने गुजारी
बातें खुदसे करूँ मैं तुम्हारी
मेरे लफ़्ज़ों में तू ही है रहती हो
आरारो आरारो आरी रा रो
आरारो आरारो आरी रा रो
आरारो आरारो आरी रा रो
आरारो आरारो आरी रा रो